Agro Rajasthan – मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग का गठन कर दिया है. आयोग में एक अध्यक्ष और चार सदस्य मनोनीत किए गए हैं. बता दें कि गहलोत सरकार ने दो अगस्त को विधानसभा में में ‘राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक-2023’ पारित किया था.
राजस्थान में अब कोई भी बैंक किसानों को लोन चुकाने के लिए परेशान नहीं कर पाएगा. ना ही किसान की जमीन कुर्क की जा सकेगी. शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग का गठन कर दिया है. आयोग में एक अध्यक्ष और चार सदस्य मनोनीत किए गए हैं. बता दें कि गहलोत सरकार ने दो अगस्त को विधानसभा में में ‘राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक-2023’ पारित किया था. सरकार ने सेवानिवृत न्यायाधिपति प्रकाशचंद गुप्ता को आयोग का अध्यक्ष मनोनीत किया है. इसके अलावा सेवानिवृत आईएएस पी.के. गोयल, महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एस.एन. राठौड़, हरिकुमार गोदारा एवं सुनील गहलोत को आयोग का सदस्य मनोनीत किया गया है.
यह आयोग बैंक एवं किसानों के बीच ऋण संबंधी विवादों को समझाइश एवं बातचीत के माध्यम से निपटाएगा. साथ ही कृषि ऋण से संबंधित विभिन्न सुझाव भी किसानों को देगा.
जानिए क्या रहेगा आयोग का काम?
सरकार की ओर से बनाया गया आयोग किसानों को कर्ज माफी पर सुझाव देगा. साथ ही सेटलमेंट भी कराएगा. आयोग बनने के बाद बैंक और कोई भी वित्तीय संस्था किसी भी कारण से किसानों पर फसल खराब पर कर्ज वसूली का दबाव नहीं बना पाएगा. प्रदेशभर के किसान फसल खराब होने पर कर्ज माफी के लिए आयोग में आवेदन कर सकेंगे.
हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज होंगे अध्यक्ष
राज्य किसान कर्ज राहत आयोग में अध्यक्ष सहित 5 मेंबर होंगे। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अध्यक्ष होंगे।
आयोग में एसीएस या प्रमुख सचिव रैंक पर रहे रिटायर्ड आईएएस, जिला और सेशन कोर्ट से रिटायर्ड जज, बैंकिंग सेक्टर में काम कर चुके अफसर और एक एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट को मेंबर बनाया जाएगा। सहकारी समितियों के एडिशनल रजिस्ट्रार स्तर के अफसर को इसका सदस्य सचिव बनाया जाएगा।
किसान कर्ज राहत आयोग का कार्यकाल 3 साल का होगा। आयोग के अध्यक्ष और मेंबर का कार्यकाल भी 3 साल का होगा। सरकार अपने स्तर पर आयोग की अवधि को बढ़ा भी सकेगी और किसी भी मेंबर को हटा सकेगी।