Agro Rajasthan Dask New Delhi: भारत की यह ट्रेन ऐतिहासिक है, और यह ट्रेन 157 साल पहले चलाई गई थी और भी ज्यादा बात रोचक है की सफर आज भी वैसा का वैसा है मतलब इतने समय बाद भी समय पर सफर करती है, ये अपने आप में ताज्जुब वाली बात है।
विरासत एक्सप्रेस में आज हम आपको भारत की सबसे पुरानी ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे चलते हुए 157 साल पूरे हो चुके हैं। भारतीय रेलवे की सबसे पुरानी ट्रेन है कालका मेल। यह ट्रेन कोलकाता के हावड़ा को हरियाणा में पंचकुला के कालका से जोड़ती है। कालका मेल सन 1866 में कलकत्ता और दिल्ली के बीच चलनी शुरु हुई थी । इसके बाद 1891 में इसे दिल्ली से लेकर कालका तक बढ़ाया गया। यह अंग्रेजों के समय की सबसे मशहूर ट्रेन हुआ करती थी। तो आइए जानते हैं कालका मेल से जुड़ी दिलचस्प बातों के बारे में।
बता दें कि कालका मेल को खासतौर से अंग्रेजों के लिए बनाया गया था। इसके पीछे भी एक वजह थी। दरअसल, उस वक्त अंग्रेजों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बना रखा था। लेकिन वहां की गर्मी उन्हें सहन नहीं होती थी । इससे बचने के लिए उन्होंने शिमला को अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बना लिया। कोलकाता से शिमला तक जाने के लिए अंग्रेजों ने इस ट्रेन का खास निर्माण कराया था।
भारत की प्राचीन ट्रेन होने के कारण अब तक इस ट्रेन का नाम तीन बार बदल चुका है। शुरुआत में इसका नाम ईस्ट इंडिया रेलवे मेल रखा गया था। इस ट्रेन के जरिए ही वायसराय सहित अंग्रेज गर्मियों में अपनी राजधानी कोलकाता से शिमला शिफ्ट कर लिया करते थे। फिर इसका नाम बदलने कालका मेल किया गया।
इसी ट्रेन से गुम हुए थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस
इस ट्रेन का नेताजी सुभाष चंद बोस से खास कनेक्शन है। बहुत से लोग आज भी नहीं जानते कि 80 साल पहले नेताजी सुभाषचंद बोस इसी ट्रेन से गुम हुए थे। जानकारी के मुताबिक 18 जनवरी 1941 को अंग्रेजों को चकमा देकर नेताजी इस ट्रेन से धनबाद जिले के गोमो जंक्शन से निकले थे।
नेताजी की यादें इस ट्रेन से जुड़ी है। 2021 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर इस ट्रेन का नाम बदला गया। हावड़ा कालका मेल के बजाय अब यह प्राचीन ट्रेन नेताजी एक्सप्रेस के नाम से जानी जाने लगी है।