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RBI New Rules On CIBIL: RBI ने सिबिल स्कोर को लेकर निकाले नए नियम, ग्राहकों को होगा तगड़ा फायदा

Agro Rajasthan Desk, New Delhi: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के सभी बैंकों की व्यवस्था पर नजर रखता है। हाल ही में, RBI ने सिबिल स्कोर के नियमों में कुछ परिवर्तन किए हैं। रिजर्व बैंक CIBIL, एक्सपीरियन और अन्य क्रेडिट जानकारी कंपनियों के लिए नियमों को कड़ा किया है। रिजर्व बैंक (RBI) क्रेडिट स्कोर कंपनियों के लिए सख्त हो रहा है।

इस पर RBI ने कहा कि ग्राहक का क्रेडिट स्कोर मांगे जाने पर अलर्ट भेजना (RBI Cibil Score new rules) जरूरी है. कंपनियां ग्राहकों को SMS/ई-मेल के जरिए अलर्ट भेजें. शिकायत का निपटारा 30 दिनों के भीतर नहीं होने पर रोजाना 100 रुपए का जुर्माना लगेगा.

डिफॉल्ट घोषित करने से पहले अलर्ट जरूरी

यदि कोई ग्राहक डिफॉल्ट होने वाला है तो डिफॉल्ट को रिपोर्ट (report to default) करने से पहले ग्राहक को इसके बारे में बताना बेहद जरूरी है. लोन देने वाली संस्थाएं SMS/ई-मेल भेजकर सभी जानकारी शेयर करें. इसके अलावा बैंक, लोन बांटने वाली संस्थाएं नोडल अफसर रखें. नोडल अफसर क्रेडिट स्कोर से जुड़ी दिक्कतें सुलझाने का काम करेंगे.

जान लें कब लागू होगा ये नियम

जानकारी केलिए बता दें कि क्रेडिट ब्यूरो में डेटा सुधार न होने की वजह भी बताना जरूरी है. क्रेडिट ब्यूरो वेबसाइट (credit bureau website) पर शिकायतों की संख्या भी बताएं. इसके अलावा साल में एक बार इंडिविजुअल के लिए फ्री क्रेडिट रिपोर्ट (Free Credit Report) भी जरूरी है. नए नियम 26 अप्रैल 2024 से लागू हो जाएगा. अप्रैल में ही RBI ने इस तरह के नियम लागू करने की चेतावनी दी थी.

शिकायत न निपटने पर लगेगा रोजाना 100 रुपए का जुर्माना

RBI के नियमानुसार (RBI Rules), शिकायत न निपटने पर ग्राहकों को हर्जाना मिलेगा और क्रेडिट ब्यूरो और कर्ज बांटने वाली संस्थाएं हर्जाना भरेंगी. शिकायत के 30 दिन बाद निपटारा न होने पर हर्जाना भरने का नियम है. 

इसमें शिकायतकर्ता को रोजाना 100 रु के हिसाब से हर्जाना (penality on Banks) मिलेगा. लोन बांटने वाली संस्था को 21, क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का वक्त मिलेगा. 21 दिन में बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया तो बैंक देगा हर्जाना. बैंक की सूचना के 9 दिन बाद ठीक नहीं किया तो क्रेडिट ब्यूरो देगा हर्जाना.

क्या होता है अच्छा सिबिल स्कोर

750-900 के सिबिल स्कोर को एक्सीलेंट की श्रेणी में रखा जाता है. इसके बाद 650-750 की श्रेणी का सिबिल स्कोर गुड (Good CIBIL Score) यानी अच्छे की श्रेणी में आता है. 550-650 तक का सिबिल स्कोर एवरेज या औसत कैटेगरी में आता है और अंत में 300-500 का सिबिल स्कोर खराब की श्रेणी में आता है. आपका सिबिल स्कोर जितना अच्छा होगा आपको उतनी सस्ती दर पर और जल्दी लोन (Instant Loan Without CIBIL) मिल जाएगा. अगर यह खराब है तो लोन लेने में आपको काफी परेशानी आएगी.

कैसे गणना होती है सिबिल स्कोर की

सिबिल स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) के आधार पर बनाया जाता है. जिस भी शख्स का सिबिल स्कोर तैयार किया जाता है उसकी पिछले 36 महीने की क्रेडिट हिस्ट्री देखी जाती है. इसमें हर तरह के लोन, क्रेडिट कार्ड (Loan and Credit Card) का खर्च, ओवर ड्राफ्ट फैसिलिटी का इस्तेमाल आदि शामिल किए जाते हैं. इसमें देखा जाता है आपने खर्च किस तरह किया है और उसका भुगतान कैसे किया है.

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Vikram Vishnoi

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