Agro Rajasthan : राजस्थान में मानसून अब काफी मजबूत स्थिति में है। इसके चलते राज्य में अगले 4-5 दिनों तक भारी बारिश की उम्मीद है। पिछले 24 घंटे के दौरान पूर्वी राजस्थान में भारी देखने को मिली है।
मौसम विभाग की मानें तो अगले 4-5 दिनों तक राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है। हालांकि अगले 10 दिनों के बाद राजस्थान में छिटपुट बारिश की संभावना है।
अगले 24 घंटो का मौसम कैसा रहेगा जाने पूरी जानकारी
राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। जयपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में रविवार को पूरे दिन बादलों की गरज के बीच पानी बरसता रहा। सड़कें लबालब पानी से भरी हुई दिखाई दी जिससे यातायात भी बाधित रहा। इस दौरान कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई जबकि कई इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने इसकी जानकारी दी। मौसम विभाग के अनुसार मलसीसर में 11 सेंटीमीटर, झुंझुनू में 9 सेंटीमीटर, मांगलियावास (अजमेर) में आठ सेंटीमीटर और सीकर में सात सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। कई अन्य इलाकों में भी सात सेमी से कुछ कम बारिश दर्ज की गई जबकि झुंझुनू जिले के उदयपुरवाटी में रविवार सुबह तक अधिकतम 12 सेमी बारिश दर्ज की गई।
राजस्थान में मौसम विभाग ने जिस प्रकार अलर्ट जारी किया था उसी प्रकार कुछ शहरों में बरसात देखने को मिली। हाल ही में बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम एक्टिव हुआ है जिसके कारण अब बारिश की गतिविधिया आज गुरूवार से कम होती नजर आ सकती है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो भरतपुर, धौलपुर, दौसा, करौली और अलवर जिलों में कहीं-कहीं भारी और शेष अधिकांश भागों में कमजोर मानसून गतिविधियां दर्ज की गई है। इन जिलों में मध्यम से तेज बारिश बुधवार को दर्ज की गई, हालांकि बादल कुछ ही समय तक बरसे लेकिन फिर भी सड़कें लबालब पानी से भर गई।
प्रदेश में मानसून की एंट्री के दूसरे दिन सोमवार को कई शहरों में मेघ जमकर बरसे. जयपुर शहर के कई इलाकों इस बारिश से तरबतर हो गए. वहीं श्रीगंगानगर, अलवर, राजसमंद, झुंझुनूं, सीकर, चित्तौड़गढ़, कोटा जिले में भारी बारिश दर्ज की गई. जयपुर जिले में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं झुंझुनू, चूरू, सीकर, अलवर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, नागौर, अजमेर और भीलवाड़ा जिलों में येलो अलर्ट है.
मौसम विभाग का कहना है कि ओडिशा और आसपास के झारखंड क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. कम दबाव दो-तीन दिनों में उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा. अभी मानसून की ट्रफ लाइन भी सामान्य अवस्था से गुजर रही है. गौरतलब है कि जब राजस्थान और पाकिस्तान के इलाके में लो प्रेशर सिस्टम बनता है, तब उससे निकलने वाली रेखा ट्रफ लाइन कहलाती है. यह लाइन अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी के साथ दोनों ओर से हवाएं खींचती है. इसी वजह से मानसून सक्रिय होता है.