WhatsApp Group Join Now

बेनामी संपत्ति को लेकर मोदी सरकार का बड़ा ऐलान

Agro Rajasthan: देश में केंद्र सरकार के द्वारा प्रॉपर्टी ओनरशिप के लिए नया कानून बनाने का प्लान कर रही है ने कानून के लागू होने के बाद प्रॉपर्टी को आधार से लिंक करवाना जरूरी होगा चलिए जानते हैं

प्रॉपर्टी कैसे अपने नाम करवाए

अचल संपत्ति को गिफ्ट में देने के लिए आपको स्टैंप पेपर पर एक डीड बनवानी पड़ती है। साथ ही दो गवाहों से अटेस्ट कराने के बाद उसे रजिस्ट्रार के दफ्तर में जमा कराना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के सेक्शन 17 के मुताबिक अचल संपत्ति का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। ऐसा न करने पर उसे अवैध माना जाएगा।

पिता की मृत्यु के बाद अपने नाम कैसे करवाए प्रॉपर्टी नाम

पिता की मृत्यु जीवन में एक ऐसा अभाव लाती है जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते। पर आज कल हमारे लिए ये ज़रूरी है की ऐसी भावनात्मक स्थिति में हम थोड़ी वास्तविकता से काम लें। अगर हम भावुकता में बह कर कानूनी कार्यों को नज़रअंदाज़ करेंगे तो ये हमपर भारी पद सकता है क्युकी कोई और इसका गलत फायदा उठा सकता है। पिता के गुजर जाने के बाद बेटे या बेटी को प्रॉपर्टी ट्रांसफर करते समय सही प्रोटोकॉल का पालन करना ज़रूरी है। आपके पिता ने वसीयत छोड़ा है या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए प्रक्रिया अलग-अलग होती है। भारत में पिता की मृत्यु के बाद जमीन अपने नाम कैसे करें, इस प्रश्न का समाधान आपको इस उत्तर में मिल सकता है। क्युकी मैं आपको बताने जा रहा हूँ की पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक कदम और कागजी कार्रवाई क्या हो सकते हैं।

जानिए अपनी संपत्ति का नामांतरण कैसे करवाएं

संपत्ति का नामांतरण संपत्ति से जुड़ी एक विशेष व्यवस्था है। कोई भी संपत्ति जो किसी व्यक्ति के अधिपत्य में होती है और उसका टाइटल जिस व्यक्ति के पास होता है वह अपनी संपत्ति को कहीं भी बेच सकता है उसे दान दे सकता है या वसीयत कर सकता है। किसी भी व्यक्ति को संपत्ति कुछ विशेष तरीकों से प्राप्त होती है।
जैसे सेल डीड, दान पत्र या वसीयतनामा। यह मुख्य तीन प्रारूप है जिससे किसी व्यक्ति को संपत्ति प्राप्त होती है। वर्तमान में सर्वाधिक प्रचलित प्रारूप सेल डीड ही है अधिकांश मामले इससे ही संबंधित होते हैं अर्थात संपत्ति को व्यक्ति खरीदता है जब ऐसी संपत्ति को खरीदा जाता है तब उससे संबंधित रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होती है।

भारतीय रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के अंतर्गत किसी भी ₹100 से अधिक की संपत्ति को रजिस्टर्ड पत्र के माध्यम से लेने के आदेश दिए गए हैं। अगर कोई भी व्यक्ति किसी संपत्ति को खरीदता है तब उसे सरकार को स्टांप ड्यूटी देना होती है और ऐसी स्टांप ड्यूटी के बाद उसकी सेल डीड को रजिस्टर्ड किया जाता है।

Share This Post

Alpesh Khokhar

Alpesh Khokhar

🚀 Founder of JaneRajasthan 🌟 Passionate about Culture & Rural Development 🌾 Bringing you the latest updates in the world of Rajasthan 🌿 Committed to sustainable growth and community empowerment 📍 Based in the heart of Rajasthan, India 🇮🇳

Leave a Comment

Trending Posts