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Personal Loan: यदि आप भी सोच रहे है पर्सनल लोन लेना को जाने ले आपका सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए

Agro Rajasthan Desk New Delhi: अगर आपको भी किसी कारणवश लोन लेने तक की नौबत आ जाए तो क्या आपको पता है कि इसके लिए आपके सिबिल स्कोर का अच्छा होना बेहद जरूरी है। हमारे देश में अधिकतर लोगों को इसके बारे में जानकारी ही नही है।

 

लेकिन जब वे जरूरत पड़ने पर लोन लेने के लिए जाते है तो बैँक उनका सिबिल स्कोर देख उन्हे मना कर देता है। आप पर ऐसी स्थिति न आए इसके लिए आपको जरूर जान लेना चाहिए कि लोन लेने के लिए कितना सिबिल स्कोर होना अनिवार्य है। 

आज के समय में पसर्नल लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर या आपका क्रेडिट स्कोर (good credit score range) सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक बन गया है। बैंक व NBFC पर्सनल लोन देने से पहले हमेशा चेक करते हैं कि आवेदक का सिबिल स्कोर कितना है। 

अगर सिबिल स्कोर अच्छा होता है तो पर्सनल लोन एप्लीकेशन मंज़ूर होने और कम ब्याज दरों पर लोन मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि पर्सनल लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए।

इतना होना चाहिए आपका सिबिल स्कोर

जानकसार के लिए बता दें कि ऐसा कोई निश्चित सिबिल स्कोर (cibil score range for personal loan) नहीं है जिसे लेकर कहा जा सके कि उतना स्कोर होने पर आपको पर्सनल लोन मिल जाएगा। हालांकि, ज़्यादातर बैंक 750 और इससे ज़्यादा सिबिल स्कोर को अच्छा मानते हैं, और इसे लोन के लिए योग्य होने की पहली शर्तों में से एक माना जाता है।

क्रेडिट स्कोर ज्यादा होने से आपको लोन की अधिक राशि प्राप्त करने में भी मदद मिल सकती है, वह भी बेहतर ब्याज दरों पर और मनपसंद भुगतान अवधि के लिए।

पर्सनल लोन लेने के लिए क्यो महत्वपूर्ण है आपका सिबिल स्कोर?


शायद आप जानते ही हो कि पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन (unsecured loan) होता है। इसका मतलब यह है कि जब कोई बैंक या अन्य कोई लोन संस्थान आपको पर्सनल लोन देता है, तो इसके लिए आपको कुछ गिरवी रखने या सिक्योरिटी जमा करने की आवश्यकता नहीं होती है। 

बैंक/ लोन संस्थानों के लिए यह एक जोखिम भरा निवेश है। इसी वजह से बैंक / लोन संस्थान पर्सनल लोन आवेदनों का मूल्यांकन करते समय आवेदक के क्रेडिट स्कोर, विशेष रूप से सिबिल स्कोर पर अधिक ध्यान देते हैं।

क्रेडिट स्कोर निम्नलिखित तरीकों से बैंक या लोन संस्थानों की मदद करता है

क्रेडिट स्कोर ये दर्शाता है कि व्यक्ति को लोन देने में कितना जोखिम है
लोन की ब्याज (interest rate of personal loan) दर तय करने में भूमिका निभाता है
लोन राशि तय करने में मदद करता है (यानी आप कितना उधार ले सकते हैं)
अब यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि सिबिल स्कोर कम होने का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि आपकी पर्सनल लोन की एप्लीकेशन को खारिज़ कर दिया जाएगा। ये हो सकता है कि इससे आपका लोन ऊंची ब्याज दर पर मिले या आपने जितनी लोन राशि के लिए अप्लाई किया है, उससे कम राशि के लिए लोन मंज़ूर हो।

 पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते समय रखें इन बातों का ध्यान 

अपना सिबिल स्कोर और सिबिल रिपोर्ट (cibil report check) चेक करें। अगर सिबिल रिपोर्ट में आपको गलत जानकारी नज़र आती है तो उनमें सुधार के लिए सिबिल डिस्प्यूट दर्ज करें

अगर आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (credit utilization ratio) बहुत अधिक है तो अपने बकाया भुगतानों को पूरा करें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इससे बैंक या लोन संस्थान आपको क्रेडिट पर बहुत अधिक निर्भर व्यक्ति के रूप में देख सकते हैं।

अगर आपकी लोन एप्लीकेशन को नामंज़ूर (Loan application rejected) कर दिया गया है तो बहुत जल्द ही फिर से लोन के लिए अप्लाई ना करें। सबसे पहले उन कारणों का पता लगायें जिनकी वजह से आपकी एप्लीकेशन मंजूर नहीं हुई, और फिर उनमें सुधार करें।

पर्सनल लोन (personal loan) के लिए किया गया आवेदन जो नामंज़ूर कर दिया गया हो, उसके लिए दोबारा अप्लाई करने से पहले कुछ महीने इंतज़ार करें।

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Alpesh Khokhar

Alpesh Khokhar

🚀 Founder of JaneRajasthan 🌟 Passionate about Culture & Rural Development 🌾 Bringing you the latest updates in the world of Rajasthan 🌿 Committed to sustainable growth and community empowerment 📍 Based in the heart of Rajasthan, India 🇮🇳

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